काशी में इस बार लोकसभा चुनाव का जो नजारा है, वह संभवत: पहले कभी नहीं दिखा। पहली बार किसीपार्टी के प्रधानमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार (नरेंद्र मोदी) यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए इस सीट पर पूरे देश की नजर है। भाजपा, कांग्रेस और आप, तीनों ही पार्टियों ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है। प्रचार के आखिरी चरण में नरेंद्र मोदी ने यहां गुरुवार को रोड शो किया और अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को रोड शो कर रहे हैं।
एक इंटरव्यू में अपने आकलन का आधार बताते हुए डॉ. मिश्रा कहते हैं, 'बनारस में तीन लाख मुस्लिम, तीन लाख ब्राह्मण, 1.5 लाख भूमिहार, एक लाख दलित, 70 हजार पटेल, 60 हजार नाविक/मछुआरे, 70 हजार गुजराती, एक लाख यादव व दो लाख अन्य मतदाता हैं। यहां जाति के आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण कभी नहीं हुआ है, पर सांप्रदायिक आधार पर होता है। यह अजीब तरह का ध्रुवीकरण है। 1952 से 1991 तक यहां समाजवादी राम मनोहर लोहिया, राजनारायण या कांग्रेसी उम्मीदवार जीतते रहे। जब अयोध्या आंदोलन के चलते हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ तब से यह भाजपा का गढ़ बन गया।'
Read More
एक इंटरव्यू में अपने आकलन का आधार बताते हुए डॉ. मिश्रा कहते हैं, 'बनारस में तीन लाख मुस्लिम, तीन लाख ब्राह्मण, 1.5 लाख भूमिहार, एक लाख दलित, 70 हजार पटेल, 60 हजार नाविक/मछुआरे, 70 हजार गुजराती, एक लाख यादव व दो लाख अन्य मतदाता हैं। यहां जाति के आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण कभी नहीं हुआ है, पर सांप्रदायिक आधार पर होता है। यह अजीब तरह का ध्रुवीकरण है। 1952 से 1991 तक यहां समाजवादी राम मनोहर लोहिया, राजनारायण या कांग्रेसी उम्मीदवार जीतते रहे। जब अयोध्या आंदोलन के चलते हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ तब से यह भाजपा का गढ़ बन गया।'
Read More
0 comments:
Post a Comment