Wednesday, May 14, 2014

वाजयेपी से बड़े नेता बन जाएंगे माेदी? जानें दोनों के काम के तरीके में क्‍या है फर्क

चुनाव बाद हुए एग्जिट पोल के नतीजों के लिहाज से एनडीए को बहुमत मिलने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पूरे आसार हैं। पोल की मानें तो 2014 में मोदी की अगुवाई में बीजेपी अपने चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें जीत सकती है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लड़े गए 1998 के आम चुनाव के अपने अब तक के सबसे बेहतरीन आंकड़ों (182 लोकसभा सीट) को भी पार कर जाएगी। तो क्या मोदी बीजेपी के सबसे बड़े नेता बनने की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं? क्या वह पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के अब तक के सबसे बड़े नेता माने गए अटल बिहारी वाजपेयी से भी ज्‍यादा कद्दावर साबित हो सकते हैं?

बीजेपी के भीतर पार्टी के सबसे कद्दावर नेता माने गए वाजपेयी की छवि 'विकास पुरुष' की तो उनके समकालीन नेता आडवाणी की छवि 'लौह पुरुष' की मानी जाती रही है। लेकिन मोदी के समर्थक कहते हैं कि उनके नेता टू-इन-वन हैं। समर्थकों की नजरों में मोदी विकास पुरुष भी हैं और लौह पुरुष भी। सपा के पूर्व हाई प्रोफाइल नेता और आरएलडी के टिकट पर फतेहपुर सीकरी से इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ रहे अमर सिंह मोदी के बारे में कहते हैं, 'मोदी में अटल, आडवाणी और प्रमोद महाजन की छवि नजर आती है।' फिलहाल हम मोदी और वाजपेयी की तुलना उनकी शख्सियत और कामकाज के तरीके से कर सकते हैं।

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