शुक्रवार के दिन सभी लोगों की दिनचर्या बदली-बदली सी थी। नेता क्या चुनाव से जुड़े
लोग भी सुबह-सुबह जागे। सबसे पहले मंदिर में माथा टेका और मतगणना स्थल की
ओर मूव कर गये। सुबह से ही मतगणना स्थल पर हर पार्टी के कार्यकर्ताओं की
भीड़ जमा थे। कड़ी सुरक्षा के कारण भीड़ मतगणना स्थल के काफी दूर था। यहां भी
लोग अपने-अपने नेताओं के जीत के समीकरण बनाते दिखे। मतगणना स्थल की बात
छोड़ दीजिए, शहरों में चौक-चौराहों से लेकर गांवों में भी चुनावी गणित बनते
बिगड़ते रहे। हर कोई अपने-अपने रूप से विश्लेषण करते नजर आए।
महिलाओं ने भी जाना हाल
सुबह से शुरू हुई मतगणना की जानकारी लेने और पल-पल प्रत्याशियों की जीत-हार की स्थिति जानने के लिए महिलाओं ने घर का काम सुबह में निबटा दिया। बच्चों के स्कूल नहीं थे, पति को भी दस बजे कार्यालय जाना था। महिलाएं अपने परिवार के साथ चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी हाल जानती रहीं।
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