बीजेपी के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों को लेकर आज भी निशाना साधा जा रहा है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से वक्त-वक्त पर मोदी और उनके शासन को लेकर शंकाएं जाहिर की गईं। लोकसभा चुनाव 2014 में वह बीजेपी के पीएम पद के प्रत्याशी हैं और चुनाव प्रक्रिया भी करीब करीब पूरी होने वाली है। इससे पहले, तमाम चुनावी सर्वेक्षणों की वजह से मोदी के सत्ता में आने की मजबूत संभावनाओं को लेकर बहस शुरू हो गई है। ऐसे में देश के मुसलमानों की मोदी के बारे में राय बेहद अहम हो जाती है।
क्या सोचते हैं हाशिम अंसारी?
राम जन्म मंदिर-बाबरी मस्जिद कोर्ट केस में सबसे पुराने वादियों में से एक हैं हाशिम अंसारी। मोदी के पीएम बनने की संभावनाओं पर अंसारी का कहना है, 'मोदी को सजा मिलनी चाहिए थी। 1992 में जब बाबरी मस्जिद गिराई गई तो उन्होंने अयोध्या आने के लिए कारसेवक इकट्ठे किए। अगर मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो देश कम से कम 20 टुकड़ों में बंट जाएगा और मुसलमान इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।' बीजेपी और कांग्रेस, दोनों को एक जैसा माननेवाले अंसारी का कहना है कि मोदी भले ही विकास की राजनीति की बात करते हों लेकिन उनका अजेंडा राम मंदिर बनवाना है।
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