लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ सीट पर शहर के वोटर्स ही नहीं देश भर की नजर
है। आमतौर पर चुनावी शोर से दूर रहने वाले चंडीगढ़ के सेक्टरों में इस बार
रोड शो की गूंज भी सुनाई दी। चुनाव में खास इंटरेस्ट न लेने वाले शहर के
लोग 10 अप्रैल को लोकतंत्र के इस महापर्व में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग करने
घरों से निकले। पहली बार रात आठ बजे तक वोट डालने का इंतजार भी किया।
वोटिंग में हिस्सेदारी ज्यादा थी, तो नतीजे के लिए बेसब्री से इंतजार भी।
वोटिंग के बाद कयास लगते रहे कि चंडीगढ़ का सांसद कौन होगा। यहां चर्चा के
केंद्र में बंसल, गुल और किरण ही रहे। लेकिन कुछ ही दिनों में शहर का
चुनावी पारा उतरने भी लगा। अब चर्चा का केंद्र चंडीगढ़ से दिल्ली शिफ्ट हो
चुका था। मार्केट, पार्क और घरों के अंदर बहस चल पड़ी थी कि दिल्ली में
सरकार कौन बनाएगा।
लेकिन अब जब फैसले की घड़ी नजदीक है, तो एक बार फिर बंसल, किरण और गुल की जीत-हार की बात घर-घर में हो रही है। 35 दिनों के बाद शुक्रवार को ये इंतजार खत्म होने जा रहा है। तमाम दावों, वादों, भाषणों, तर्क-वितर्क को भूल जाइए, क्योंकि आज है जजमेंट डे।
Read More.........
लेकिन अब जब फैसले की घड़ी नजदीक है, तो एक बार फिर बंसल, किरण और गुल की जीत-हार की बात घर-घर में हो रही है। 35 दिनों के बाद शुक्रवार को ये इंतजार खत्म होने जा रहा है। तमाम दावों, वादों, भाषणों, तर्क-वितर्क को भूल जाइए, क्योंकि आज है जजमेंट डे।
Read More.........
0 comments:
Post a Comment