हमें रोज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर का त्याग कर देना
चाहिए। ब्रह्म का मतलब परम तत्व या परमात्मा। मुहूर्त यानी अनुकूल समय।
रात्रि का अंतिम प्रहर अर्थात प्रात: 4 से 5.30 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त
कहा गया है। हमारी दिनचर्या सुबह उठने से आरंभ होती है। इसलिए सुबह जल्दी
उठना दिनचर्या का सबसे पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी कारण हमारी
संस्कृति में सुबह उठने का समय भी तय किया गया है, वह है ब्रह्म मुहूर्त।
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥
- भाव प्रकाश सार-93
अर्थात- ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को सुंदरता, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है।
आगे जानिए सुबह जल्दी जागने से और कौन-कौन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं...
ब्रह्म मुहूर्त में उठना हमारे जीवन के लिए बहुत लाभकारी है। इससे हमारा
शरीर स्वस्थ होता है और दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है। स्वस्थ रहने और सफल
होने का यह ऐसा फार्मूला है जिसमें खर्च कुछ नहीं होता। केवल आलस्य छोड़ने
की जरूरत है।
शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है-
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥
- भाव प्रकाश सार-93
अर्थात- ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को सुंदरता, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है।
आगे जानिए सुबह जल्दी जागने से और कौन-कौन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं...
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